आरती श्रीराम जन्म की

भये प्रकट कृपाला, दीनदयाला, कौशिल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनिमन हारी, अदभुत रूप बिचारी।। लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा, निज आयुध भुजचारी।

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