माघ माहात्म्य – नवाँ अध्याय
यमदूत कहने लगे मध्यान्ह के समय आया अतिथि, मूर्ख, पंडित, वेदपाठी या पापी कोई भी हो ब्रह्म के समान है.
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यमदूत कहने लगे मध्यान्ह के समय आया अतिथि, मूर्ख, पंडित, वेदपाठी या पापी कोई भी हो ब्रह्म के समान है.