श्री भगवती स्तोत्रम

जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे । जय शुम्भ-निशुम्भ-कपालधरे, प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ।।1।। जय चन्द्रदिवाकर नेत्रधरे, जय

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