आरती कुंजबिहारी की

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की……… गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला. श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद

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