कार्तिक स्नान का विधि-विधान
कार्तिक स्नान आश्विन माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अगले माह कार्तिक माह की पूर्णिमा पर समाप्त होता है. इस
Astrology, Mantra and Dharma
कार्तिक स्नान आश्विन माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अगले माह कार्तिक माह की पूर्णिमा पर समाप्त होता है. इस
अनुपम कथा कार्तिक, होती है सम्पन्न। इसको पढ़ने से, श्रीहरि होते हैं प्रसन्न।। इतनी कथा सुनकर सभी ऋषि सूतजी से
सूतजी ने ऋषियों से, कहा प्रसंग बखान। चौंतीसवें अध्याय पर, दया करो भगवान।। ऋषियों ने पूछा – हे सूतजी! पीपल
दया दृष्टि कर हृदय में, भव भक्ति उपजाओ। तैंतीसवाँ अध्याय लिखूँ, कृपादृष्टि बरसाओ।। सूतजी ने कहा – इस प्रकार अपनी
मुझे सहारा है तेरा, सब जग के पालनहार। कार्तिक मास के माहात्म्य का बत्तीसवाँ विस्तार।। भगवान श्रीकृष्ण ने आगे कहा
कार्तिक मास माहात्म्य का, यह इकत्तीसवाँ अध्याय। बतलाया भगवान ने, प्रभु स्मरण का सरल उपाय।। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा –