कार्तिक माह माहात्म्य – पैंतीसवाँ अध्याय

अनुपम कथा कार्तिक, होती है सम्पन्न। इसको पढ़ने से, श्रीहरि होते हैं प्रसन्न।। इतनी कथा सुनकर सभी ऋषि सूतजी से

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