कार्तिक माह माहात्म्य – बाईसवाँ अध्याय

बाईसवें अध्याय की, जब लिखने लगा हूँ बात। श्री प्रभु प्रेरणा प्राप्त कर, कलम आ गई हाथ।। राजा पृथु ने

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