कार्तिक माह माहात्म्य – सातवाँ अध्याय
मंगलकारी श्री हरि का, सच्चा नाम ध्याऊं। कार्तिक मास माहात्म्य का, सातवाँ अध्याय बनाऊँ।। नारद जी ने कहा – हे
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मंगलकारी श्री हरि का, सच्चा नाम ध्याऊं। कार्तिक मास माहात्म्य का, सातवाँ अध्याय बनाऊँ।। नारद जी ने कहा – हे
माता शारदा की कृपा, लिखूं भाव अनमोल। कार्तिक माहात्म का कहूं, चौथा अध्याय खोल।। नारदजी ने कहा – ऎसा कहकर
किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी और उसका एक बेटा व बहू भी साथ रहते थे. कार्तिक का महीना
किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी, उसकी एक पुत्रवधु भी थी. कार्तिक का महीना आता तो बुढ़िया बारह कोस
एक समय की बात है किसी नगर में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था और उसकी सात बहुएँ थी. एक बार
किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी और वह कार्तिक का व्रत रखा करती थी. उसके व्रत खोलने के समय