गरुड़ पुराण – नवाँ अध्याय

मरणासन्न व्यक्तियों के निमित्त किये जाने वाले कृत्य गरुड़ उवाच गरुड़जी बोले – हे प्रभो! आपने आतुरकालिक दान के संदर्भ

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