बृहस्पति देव की आरती
जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा. छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा.. तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी. जगतपिता
Astrology, Mantra and Dharma
जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा. छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा.. तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी. जगतपिता