अथ देव्या कवचम
महर्षि मार्कण्डेयजी बोले – हे पितामह! संसार में जो गुप्त हो और जो मनुष्यों की सब प्रकार से रक्षा करता
Astrology, Mantra and Dharma
महर्षि मार्कण्डेयजी बोले – हे पितामह! संसार में जो गुप्त हो और जो मनुष्यों की सब प्रकार से रक्षा करता