सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

शिव उवाच  श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् । येन मन्त्रप्रभावेण चण्डिजाप: शुभो भवेत् ।।1।। अर्थ – शिवजी बोले – देवी! सुनो,

Continue reading

error: Content is protected !!