अभिनेता बनने के ज्योतिषीय योग

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अभिनय (Acting) क्या है? अभिनय का अर्थ है कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे की नकल कर रहा है। दूसरे की नकल करने के लिए या जो आपको भूमिका दी गई है उसे बखूबी निभाने के लिए बुद्धिमान होने के साथ आपकी याद्दाश्त भी अच्छी होनी चाहिए क्योंकि आपको डायलॉग याद करने पड़ेगें ताकि बिना देखे कैमरे के सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ आप डायलॉग बोल सकें।

 

अभिनय क्षेत्र से जुड़े ग्रह/Planets Related To Acting Field

बुध/Mercury

ज्योतिष के अनुसार एक्टिंग में जो मुख्य ग्रह शामिल है वह बुध है क्योंकि यह ग्रह कम्यूनिकेशन्स, बुद्धिमत्ता तथा याद्दाश्त का मुख्य ग्रह है। बुध का संबंध जन्म कुंडली में दूसरे भाव से होना चाहिए क्योंकि दूसरे भाव से चेहरा तथा आवाज देखी जाती है। बुध का संबंध जन्म कुंडली के तीसरे भाव से भी होना चाहिए क्योंकि तीसरे भाव को कम्यूनिकेशन के लिए भी देखा जाता है और यदि एक्टिंग को प्रोफेशन बनाना है तब बुध का संबंध दसवें भाव से होना चाहिए। अभिनय के द्वारा आय के साधन बनने चाहिए, नाम व शोहरत भी होनी चाहिए तो बुध का संबंध एकादश भाव से होना जरुरी है।

बुध ऎसा ग्रह है जो व्यक्ति को अभिनय कौशल (acting skills) प्रदान करता है। एक बेहतर अभिनेता बनने के लिए जन्म कुण्डली में बली बुध व्यक्ति के लिए वरदान साबित होता है। बुध व्यक्ति को शीघ्रता से प्रतिक्रिया देने की क्षमता रखता है, बुध ही है जो अचानक से व्यक्ति के हाव-भावों को बदलता है और बली बुध ही है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी हालात अथवा परिस्थिति के अनुसार ढालने की क्षमता देता है। बली बुध व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करता है और बहुमुखी प्रतिभा अच्छे अभिनेता के लिए जरुरी है।

जन्म कुंडली में बुध का संबंध चंद्र व शुक्र से होना चाहिए तभी एक अभिनेता अपनी प्रभावशाली वाणी के द्वारा बोले गये डायलॉग से लोगों को प्रभावित कर सकता है। उसके द्वारा बोले डायलॉग लंबे समय तक लोगों द्वारा याद किये जाते हैं।  

अब हम कह सकते हैं कि अभिनय की दुनिया में जाने के लिए बली बुध ग्रह की जरुरत होती है क्योंकि बुध को बुद्धि का कारक ग्रह भी माना गया है और बुध किसी भी व्यक्ति की बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है और यह ग्रह किसी भी व्यक्ति की वह क्षमता बताता है जिसके द्वारा व्यक्ति दूसरों से कम्यूनिकेट करता है और अभिनय एक ऎसा क्षेत्र है जहाँ अभिनेता को अपना संवाद, पटकथा आदि को समझकर फिर उसे अपनी क्षमता के आधार पर कैमरे के सामने निखारकर लाना है जो बली बुध के बिना नहीं हो सकता।

 

शुक्र/Venus

दूसरा ग्रह जो अभिनेता के लिए जरुरी है वह शुक्र है क्योंकि शुक्र भोग-विलास है और अभिनय की दुनिया की जो चमक-दमक है वह शुक्र के अन्तर्गत आती है। इसके साथ ही शुक्र सुन्दरता के लिए भी देखा जाता है। शुक्र व्यक्ति को एक सुन्दर, मनोहर तथा चित्ताकर्षक पर्सनेलिटी देता है और एक अभिनेता के लिए ये अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि यदि व्यक्ति आकर्षक होगा तो लोगों के मध्य लोकप्रिय भी होगा और लोकप्रियता अभिनेता का आत्मविश्वास बढ़ाती है। चित्ताकर्षक (charming) पर्सनेलिटी होने से व्यक्ति कैमरे के सामने भी अपना आत्मबल बनाए रखता है। बली शुक्र ग्लैमरस लुक भी देता है। अगर आप कैमरे के सामने हैं तो आपके पास उपरोक्त सभी बातें होनी चाहिए और यदि आप आडियो एक्टर हैं तब शुक्र की भूमिका ज्यादा अहमियत नहीं रखेगी लेकिन वीडियो एक्टर के लिए बुध तथा शुक्र दोनों बली होने चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र तो बली है लेकिन बुध ज्यादा बली नहीं है तब ऎसे में व्यक्ति अच्छा मॉडल तो बन सकता है लेकिन एक अच्छा अभिनेता नहीं बन सकता। भारतीय सिनेमा में कई ऎसे अभिनेता हैं जो देखने में खूबसूरत नहीं हैं लेकिन अपने अभिनय के दम पर उन्होंने अपना लोहा मनवा रखा है, ऎसे में उनकी कुण्डली में बुध ग्रह अच्छी अवस्था में स्थित होता है लेकिन शुक्र ज्यादा बली नहीं होता।

अगर हम एक्शन (मार-धाड़) फिल्मों की बात करें तो अभिनेता की जन्म कुंडली में बुध के बली होने के साथ मंगल भी बली होना चाहिए।  

मीडिया, फैशन, कैमरे आदि सभी शुक्र के अन्तर्गत आते हैं। शुक्र दूसरा वो ग्रह है जिसे अभिनय के क्षेत्र से जोड़ा जाता है। शुक्र के बिना कुंडली में कला से दूर रहना असंभव सा प्रतीत होता है क्योंकि शुक्र कला का मुख्य ग्रह है। वैसे भी शुक्र को अदाओं का ग्रह माना जाता है. अभिनय, नृत्य, कला, गीत, संगीत आदि का संबंध शुक्र से ही माना गया है और इन सभी का उपयोग फिल्मी दुनिया में होता है। शुक्र को ग्लैमर का प्रमुख कारक ग्रह भी माना गया है और ग्लैमर के बिना फिल्मी दुनिया हो ही नहीं सकती।  

कालपुरुष की कुंडली के अनुसार दूसरा तथा सातवाँ भाव शुक्र के अधिकार में है क्योंकि शुक्र की वृष राशि दूसरे भाव में तथा तुला राशि सातवें भाव में आती है। दूसरे भाव से चेहरा देखा जाता है तो सातवाँ भाव जनता का कारक है। शुक्र को 64 कलाओं का कारक माना गया है और ये शुक्र ही है जो व्यक्ति को 64 कलाओं में निपुण बनाता है। बली शुक्र व्यक्ति को फिल्म, टेलीविजिन अथवा मीडिया इंडस्ट्री में बनाए रखता है। बुध तथा शुक्र दोनों के प्रभाव से ही कोई भी व्यक्ति टी.वी. अथवा बड़ी स्क्रिन पर आ सकता है।

शुक्र व्यक्ति को एक सुन्दर, मनोहर तथा चित्ताकर्षक पर्सनेलिटी देता है और एक अभिनेता के लिए ये अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि यदि व्यक्ति आकर्षक होगा तो लोगों के मध्य लोकप्रिय भी होगा और लोकप्रियता अभिनेता का आत्मविश्वास बढ़ाती है। चित्ताकर्षक (charming) पर्सनेलिटी होने से व्यक्ति कैमरे के सामने भी अपना आत्मबल बनाए रखता है।

अगर कोई व्यक्ति एक्टिंग के क्षेत्र से अपनी आजीविका अर्जित करना चाहता है तो उसकी कुंडली में शुक्र ग्रह का पीड़ित होना जरुरी है क्योंकि शुक्र अगर पीड़ित नहीं होगा तब शर्मीलेपन की वजह से कोई व्यक्ति अपना अभिनय दूसरों के सामने दिखा ही नहीं पाएगा। ऎसा व्यक्ति अनजान लोगों के सामने अपने टेलेन्ट का प्रदर्शन कर ही नहीं पाएगा। ऎसे जातकों के लिए अभिनय केवल उनका शौक मात्र बनकर रह सकता है, वह कभी इसे अपने पेशे के रुप में नहीं अपना पाएंगे। सफल अभिनेताओं की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव शुक्र पर देखा जा सकता है अथवा शुक्र की राशि में अशुभ ग्रह स्थित हो सकते हैं। बहुत से ऎसे फेमस अभिनेता या सेलेब्रिटिज हैं जिनकी जन्म कुंडली में शुक्र का संबंध मंगल से बन रहा है और मंगल को साहस व ऊर्जाशक्ति से जोड़ा जाता है।

 

राहु/Rahu

अभी तक हमने अभिनेता बनने के लिए बुध ग्रह को मुख्य ग्रह माना है लेकिन बुध के बाद राहु भी अपनी एक अहम भूमिका निभाता है क्योंकि राहु को टेक्नोलॉजी का कारक ग्रह माना गया है और दिन-प्रतिदिन टेक्नोलॉजी का प्रभाव फिल्मों में बढ़ता ही जा रहा है। एनीमेशन की बात हो या मेक-अप की बात हो, सब जगह राहु अपनी भूमिका अदा करता है। (राहु दूसरों को भ्रम में रखता है और मेक-अप करने बाद अभिनेता का हुलिया ही बदल जाता है) वर्तमान समय में अभिनय के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक हो गई है कि हर अभिनेता कुछ ऎसा कर दिखाना चाहता है जो पहले कभी किसी ने नहीं किया हो। उदाहरण के तौर पर हम कह सकते हैं कि पहले फिल्मों में स्टंटमैन होते थे लेकिन आजकल अभिनेता एक्शन फिल्म में डूप्लीकेट की बजाय स्वयं वो काम करने लगे हैं ताकि अपनी अलग पहचान बना सके।

अगर हम किसी प्रतिभावान अभिनेता की बात करें तो एक्टिंग का हुनर होने के साथ उसे लोगों के मध्य अत्यधिक प्रसिद्ध व लोकप्रिय भी होना चाहिए क्योंकि जरुरी नहीं कि जो अच्छा अभिनय करता हो वह लोकप्रिय भी हो इसलिए एक अच्छा अभिनेता बनने के लिए जन्म कुंडली में बुध ग्रह का बली होना पहली शर्त है, दूसरे शुक्र ग्रह भी बली होना चाहिए और तीसरी शर्त है कि आपका पंचम भाव और पंचमेश भी बली अवस्था में होने चाहिए। अगर कोई अभिनय के क्षेत्र में मान-सम्मान, यश व प्रसिद्धि पाना चाहता है तब उसकी जन्म कुंडली में सूर्य/राहु/गुरु के बली होने के साथ लग्न भी बलवान होना चाहिए. जन्म कुंडली का लग्न किसी भी जातक/जातिका का बली होना बतलाता है।

उपरोक्त योगों में हम हर जगह ग्रह के अथवा भाव के बली होने पर जोर दे रहे हैं तो यहाँ ग्रह के बली होने का अर्थ है कि ग्रह पर किसी तरह का अशुभ प्रभाव नहीं होना चाहिए। एक ग्रह तब बली कहलाता है जब वह या तो अपनी ही राशि में हो अथवा अपनी उच्च राशि में हो अथवा एक शुभ भाव में शुभ अवस्था में स्थित हो। यदि कोई ग्रह जन्म कुंडली में उतना बली नहीं है लेकिन नवाँश कुंडली में बली हो रहा है तब शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऎसे में व्यक्ति को अभिनय के क्षेत्र में जरा देर से सफलता मिल सकती है।

 

सूर्य की अन्य ग्रहों से युति/Sun Conjuction

कुंडली में बली सूर्य व राहु की स्थिति भी अभिनेता को प्रसिद्धि दिलाती है। अगर जन्म कुंडली में शुक्र व सूर्य की युति हो रही है तो व्यक्ति अपने अभिनय क्षेत्र में अपनी गरिमा बनाकर रखने वाला होता है (अगर कोई अभिनेता नहीं है तब भी व्यक्ति विशेष समाज में लोकप्रिय होता है) जबकि जन्म कुंडली में बुध व राहु की युति व्यक्ति को एक उत्कृष्ट कोटि का संचारक बनाती है क्योंकि यह युति व्यक्ति को उसके परिहासयुक्त स्वभाव के कारण प्रसिद्धि दिलाती है या फिर राहु/बुध की इस युति से व्यक्ति डायलॉग प्रभावपूर्ण तरीके से बोलता है जो उसके प्रसिद्धि होने का एक कारण बनता है।

 

राहु/शुक्र की युति-Rahu/Venus Conjuction

अगर जन्म कुंडली में राहु व शुक्र की युति हो रही है तो यह व्यक्ति को अत्यधिक आकर्षक पर्सनेलिटी देता है और यह व्यक्ति को क्षमता देता है कि वह अपने चेहरे से दूसरों को धोखा दे सके अर्थात अभिनेता का जो वास्तविक रुप होता है वह सामने नहीं होता क्योंकि सदा मेक-अप में रहना और जो पर्दे पर दिखता है वही उसका असली चेहरा माना जाता है, इसमें अभिनेता की अपनी निजी भावनाएँ कुछ नहीं हैं। अभिनेता असलियत में क्या है यह लोग कम ही जान पाते हैं।

अगर यही शुक्र व राहु की युति किसी महिला की कुंडली में है तब शायद वह लिंगरी मॉडल हो सकती है। (यदि निजी तौर पर कुंडली देखी जाए तो शुक्र/राहु की युति को शुभ नहीं माना जाता है) हमें यह भी कभी नहीं भूलना चाहिए कि अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु बली अवस्था में है तब व्यक्ति को प्रसिद्धि की ऊँचाईयों तक ले जा सकता है।

 

चंद्रमा/Moon

चंद्रमा सभी ग्रहों में सबसे कोमल तथा सौम्य ग्रह माना गया है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा का संबंध मन से जोड़ा गया है। किसी भी क्रिएटिव फिल्ड में जब तक सफलता हासिल नहीं होगी जब तक कि मन अच्छा ना हो। कई व्यक्ति मजबूत मन वाले होते हैं तो कई व्यक्ति जरा-जरा सी बात पर घबरा जाते हैं। वर्तमान समय में फिल्मी चकाचौंध का इतना ज्यादा असर युवा पीढ़ी पर है कि रोज हजारों लोग इस दुनिया में कदम रख रहे हैं. कुछ कामयाब होते हैं तो उससे कहीं ज्यादा नाकामयाबी भी हासिल हो रही है। असफल होने पर कई जल्दी से हताश होकर गलत राह भी पकड़ लेते हैं लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी एक्टर के लिए सभी दिन समान नहीं होते हैं। कई ऎसे बड़े अभिनेता हैं जिन्हें कभी न कभी असफलता का मुँह भी देखना पड़ा है।

अभिनय क्षेत्र के उतार-चढ़ाव को झेलने के लिए एक सक्षम अभिनेता को ईमोशनली अत्यधिक मजबूत होना चाहिए तभी वह इस अभिनय की दुनिया में खुद को जीवित पा सकता है। ईमोशनली तभी मजबूत बना जा सकता है जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा बली अवस्था में स्थित होगा। अगर जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तब वह व्यक्ति के सोचने का नजरिया ही बदल देगा और निर्बल चंद्रमा व्यक्ति को कमजोर बना देगा, ऎसे में व्यक्ति दृढ़ निश्चयी भी नहीं बन पाएगा। अभिनय के क्षेत्र की उतार-चढ़ाव अथवा असफलताओं से उबरने के लिए बली चंद्रमा साथ देता है क्योंकि अगर मन मजबूत है तो व्यक्ति आसानी से हार नहीं मानता है और फिर से पूरे उत्साह के साथ काम करना शुरु कर देता है।

इसके साथ ही चंद्रमा का संबंध कला (art)और कलात्मकता अथवा सृजनात्मकता से माना गया है (क्योंकि कला बिना कल्पना के संभव नहीं है) कला के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का भीतर से मजबूत होना जरुरी है और वो बिना बली चंद्र के संभव नहीं हो पाएगा। हम सभी जानते हैं कि हर व्यक्ति हर किसी के सामने नहीं बोल पाता। कई व्यक्तियों के भीतर काफी झिझक होती है तो वह अपने भीतर के छुपे कलाकार को बाहर नहीं निकाल पाते हैं इसलिए अभिनेता के अंदर मजबूत इच्छाशक्ति के साथ दृढ़ संकल्प भी होना चाहिए जो बली चंद्रमा से ही आ सकता है।  

चंद्रमा ही वह ग्रह है जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि व्यक्ति एक अभिनेता बनेगा अथवा अत्यधिक लोकप्रिय अभिनेता बनेगा! चंद्रमा की स्थिति के आधार पर ही एक सामान्य अभिनेता और लोकप्रिय अभिनेता के मध्य अंतर किया जा सकता है। जहाँ सूर्य व्यक्ति को यश प्रदान कराता हैं वहीं चंद्रमा व्यक्ति को लोकप्रिय बनाता है। बली चंद्र के प्रभाव से व्यक्ति आम जनता पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहता है।

 

सूर्य/Sun

कालपुरुष की कुंडली के अनुसार सूर्य पांचवें भाव का स्वामी बनता है क्योंकि सिंह राशि पंचम भाव में आती है और सूर्य को यश तथा मान-प्रतिष्ठा का कारक ग्रह भी माना जाता है। पांचवें भाव तथा यश का कारक होने से सूर्य की स्थिति को जन्म कुंडली में अनदेखा नहीं किया जा सकता है। जन्म कुंडली में यदि शुक्र तथा सूर्य युति कर रहे हैं अथवा शुक्र किसी भी प्रकार से सूर्य के नजदीक है तब व्यक्ति कला के किसी भी क्षेत्र में एक्सपर्ट हो जाता है भले ही सूर्य/शुक्र की युति व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को असफल ही क्यों ना बना दे क्योंकि शुक्र विवाह का कारक भी है। वैसे भी हम सब जानते हैं कि कितने सारे सेलिब्रिटिज हैं जिनका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं है।

 

ज्योतिषानुसार फिल्म जगत में जाने के मुख्य भाव/Houses According To Astrology

वैसे तो जन्म कुंडली के बारह भाव मुख्य हैं और कहीं न कहीं अपनी भूमिका हर क्षेत्र में निभाने का काम करते हैं लेकिन जन्म कुंडली का दसवाँ भाव हम आजीविका तथा व्यवसाय के लिए देखते हैं। इस भाव में स्थित ग्रह की स्थिति से ही जातक/जातिका के कैरियर के बारे में पता चलता है कि वह अपने जीवनयापन के लिए किस क्षेत्र को चुनता है। वर्तमान समय में फिल्मी चकाचौंध ने हर नवयुवक की आँखों में चमक भर दी है जिससे हर कोई अभिनय के क्षेत्र में अपना भाग्य आजमाना चाहता है लेकिन कुछ ही खुशकिस्मत होते हैं जो इस क्षेत्र में काफी संघर्ष के बाद सफलता पाते हैं और काफी ज्यादा गुमनाम हो जाते हैं। दसवें भाव के साथ कुछ अन्य भाव भी हैं जो अभिनय क्षेत्र में सफल होने के लिए देखे जाते हैं :-

 

लग्न/Ascendant

जन्म कुंडली में लग्न व लग्नेश व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है। फिल्म जगत में भाग-दौड़ करनी पड़ती है, रात-दिन की मेहनत होती है इसलिए लग्न व लग्नेश का बली होना जरुरी है अन्यथा व्यक्ति शीघ्र हार मान जाएगा। इन दोनों के बली होने पर व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा और व्यक्ति लंबे अरसे तक लोगों में अपनी पहचान बनाए रखेगा। ऎसे व्यक्ति के अभिनय को दर्शक काफी समय तक याद रखेगें। लग्न तथा लग्नेश के बली होने के कारण ही एक्टर, एक्टिंग के क्षेत्र में सफल हो पाता है।

 

तीसरा भाव/Third House

जन्म कुंडली के तीसरे भाव का संबंध व्यक्ति के शौक तथा रुचि से जोड़ा गया है या हम कह सकते हैं कि जन्म कुंडली का तीसरा भाव व्यक्ति की हॉबी, प्रतिभा (talent), कौशल (skills) तथा प्रयास दिखाता है। अगर इस भाव में शुभ ग्रह स्थित है तब व्यक्ति एंटरटेनमेन्ट के क्षेत्र में संबंध जोड़ने में सफल हो सकता है। तीसरे भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति के प्रभाव से व्यक्ति की हॉबिज का विश्लेषण किया जा सकता है। यदि जन्म कुंडली के तीसरे भाव का संबंध, पंचम भाव अथवा पंचमेश से स्थापित हो रहा है तो व्यक्ति एक अभिनेता के रुप में अपनी अलग पहचान बनाता है और प्रसिद्धि प्राप्त करता है। अभिनय अथवा इसके समकक्ष क्षेत्र में सफलता पाता है। अगर लग्न अथवा लग्नेश का संबंध तीसरे भाव से बनता है तो इस क्षेत्र में मिलने वाले फल अत्यधिक अच्छे मिलते हैं।

 

पंचम भाव/Fifth House

जन्म कुंडली के पंचम भाव तथा पंचमेश को कला से जोड़ा गया है इसलिए इन दोनों पर किसी प्रकार का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होना चाहिए। फिल्म जगत में पंचम भाव का संबंध मनोरंजन के क्षेत्र से जोड़ा गया है क्योंकि व्यक्ति फिल्में देखकर अपना मनोरंजन करता है इसलिए अभिनेता की जन्म कुंडली में पंचम भाव को एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के रुप में देखा जाता है।

जन्म कुंडली के पांचवें भाव का विश्लेषण एंटरटेनमेन्ट के लिए किया जाता है तो दसवें भाव को व्यवसाय के लिए देखा जाता है इसलिए पंचम भाव का संबंध दसवें भाव से होना जरुरी है। वर्तमान समय में टेलीविजिन के क्षेत्र में भी धूम मची है और टी.वी. कलाकार किसी बड़े स्टार से कम नहीं हैं। फिल्म जगत हो या टेलीविजिन की दुनिया हो, दोनों ही स्थान पर व्यक्ति की जन्म कुंडली में पंचम भाव तथा पंचमेश बली होने चाहिए और जन्म कुंडली में इनका संबंध दशम भाव अथवा दशमेश के साथ होना चाहिए तभी व्यक्ति इस मनोरंजन की दुनिया को अपनी आजीविका के रुप में अपना पाएगा। सिनेमा तथा अभिनय क्षेत्र दोनों को ही मनोरंजन का एक बड़ा जरिया माना जाता है और यही कारण है कि पंचम भाव मनोरंजन के लिए और दशम भाव व्यवसाय के लिए देखा जा रहा है।

पंचम भाव प्राकृतिक रुप से भी रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। जो लोग अभिनय नहीं करते हैं लेकिन अभिनय के क्षेत्र से संबंधित अन्य बातों से सक्रिय रुप से जुड़े हैं, जहाँ रचनात्मकता की जरुरत होती है, उनकी कुंडली में पाँचवां भाव विशेष रुप से सक्रिय रहता है। ऎसे लोग स्क्रिन के पीछे रहकर काम करते है जैसे डायरेक्शन का काम करते हैं, प्रोडक्शन का काम करने वाले होते हैं, एडिटिंग का काम करने वाले होते हैं अथवा इवेंट मैनेजमेंट का काम करने वाले हो सकते हैं अथवा कला से जुड़ा कोई भी क्षेत्र हो सकता है जहाँ वह एक्टिव रहते हैं।

 

छठा भाव/Sixth House

कोई भी क्षेत्र हो उसमें प्रतिद्वंद्वी भी जरुर होते हैं और अभिनय के क्षेत्र में तो आपने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो आप पीछे जा सकते हैं और हर बार आपको खुद को प्रूव (साबित) करना पड़ता है। छठा भाव अथवा षष्ठेश का बली होना जरुरी है। बली छठे भाव में कोई क्रूर ग्रह स्थित है या षष्ठेश उपचय भावों – 3,6,10 या 11 में स्थित है तब यह प्रतिद्वंद्वियों पर जीत दिखाता है।

 

दशम भाव/Tenth House

अभिनेताओं की आमदनी उनके अभिनय पर निर्भर करती है और एक्टिंग ही उनका मुख्य व्यवसाय होता है। जन्म कुंडली में व्यवसाय को दशम भाव तथा दशमेश से देखा जाता है और दशम भाव से व्यक्ति का प्रसिद्ध होना भी देखा जाता है। दशम भाव में सूर्य, राहु, केतु, मंगल, शनि अथवा चंद्रमा का होना अच्छा माना गया है लेकिन सबसे आवश्यक बात यह है कि दशम भाव बली होना चाहिए अथवा दशमेश अपनी बली अवस्था जैसे – स्वराशि, उच्च राशि अथवा मित्र राशादि में होना चाहिए। दशमेश शुभ नक्षत्र में स्थित होना चाहिए।

बुध का संबंध सबसे अधिक बुद्धिमता और अर्थ से जोड़ा गया है, अगर जन्म कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी है तब व्यक्ति पटकथा लेखक हो सकता है, डायरेक्टर हो सकता है अथवा प्रोड्यूसर भी हो सकता है।

 

सातवाँ तथा एकादश भाव-Seventh And Eleventh House

जन्म कुंडली का सातवाँ  और एकादश भाव भी देखा जाता है क्योंकि जन्म कुंडली का सातवाँ भाव जनता के मध्य लोकप्रियता दिखाता है और अभिनेता तभी सफल कहा जाता है जब लोगों में वह लोकप्रिय होता है। लोकप्रिय होना ही अभिनेता की प्रसिद्धि का पैमाना बनता है और पता चलता है कि सफलता की कितनी ऊँचाईयों पर वह उड़ रहा है। एकादश भाव को लाभ भाव कहा जाता है। एक अभिनेता के लिए उसका अभिनय ही उसका व्यवसाय है जिससे वह लाभ अर्जित करता है इसलिए एकादश भाव का भी आकंलन जरुरी है। इसके साथ ही एकादश भाव से व्यक्ति की इच्छापूर्ति भी देखी जाती है, उपलब्धियाँ देखी जाती है और उसकी पहचान भी इसी भाव से देखी जाती है इसलिए एकादश भाव तथा इस भाव के स्वामी पर भी बहुत सी बातें निर्भर करती हैं।

अब हम मोटे तौर पर लग्न, तीसरा भाव, पंचम भाव, छठा भाव, सातवाँ भाव, दशम भाव तथा एकादश भाव अभिनय के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए देखेगें।

एक ब्रिलिएन्ट एक्टर बनने के लिए बुध, शुक्र, मंगल और राहु कुंडली में बली अवस्था में होने चाहिए। बुध, शुक्र तथा राहु एक अभिनेता की जन्म कुंडली में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए जाहिर सी बात है कि कुंडली में इनका अच्छा संबंध (दृष्टि संबंध या युति या अन्य किसी प्रकार से) पांचवें भाव और दसवें भाव से अवश्य बनना चाहिए।

उपरोक्त योगों के आधार पर कहा जा सकता है कि बली लग्न/लग्नेश, बली पंचम भाव/पंचमेश, बली तृतीय भाव/तृतीयेश और बली दशम भाव/दशमेश का परस्पर संबंध बनना चाहिए और जितना बली संबंध बनेगा उतने अच्छे फल प्राप्त होगें।

 

कुछ अन्य योग/Some Other Astrological Yogas

शुभ ग्रहों का दूसरे, तीसरे भाव में होना व्यक्ति को अभिनय क्षेत्र में अत्यधिक सफलता प्रदान करता है। ये शुभता अभिनेता के लिए धनयोग प्रदान करने वाली सिद्ध होती है क्योंकि दूसरा भाव धन भाव भी है। लग्न अथवा लग्नेश के नजदीक जितने ज्यादा शुभ ग्रह होगें अथवा शुभता होगी उतने ज्यादा वह दिखने में अच्छा होगा और ये योग अभिनेता को प्रसिद्ध भी बनाता है। बुध तथा चंद्रमा दोनों ही शुभ ग्रह माने जाते है इसलिए जन्म कुंडली में ये दोनों ग्रह लग्न के नजदीक होने पर व्यक्ति को अत्यधिक मनमोहक बनाते हैं और बहुमुखी व्यक्तित्व प्रदान करते हैं। अगर जन्म कुंडली में द्वितीयेश दशम भाव में स्थित है या दशमेश, दूसरे भाव में स्थित है तब यह योग व्यक्ति की गरिमा (dignity) में वृद्धि करता है।