मंगल के लिए मंत्र

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ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने की क्षमता रखते हैं.  यदि ग्रह शुभ होकर पीड़ित है तब उन्हें कई प्रकार से बली बनाया जा सकता है और यदि ग्रह कुंडली में अशुभ भाव का स्वामी है तब भी उसका उपचार किया जा सकता है.  ग्रह को शुभ अथवा बली बनाने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जाते है. सबसे आसान, सरल और बिना पैसा खर्च किए काम आने वाला उपाय होता है मंत्र जाप. इसमें आपका थोड़ा सा समय लगता है और फल बहुत अच्छे और शुभ प्राप्त होते हैं.

मंगल की दशा में नीचे लिखे मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जाप किया जा सकता है. आप किसी भी एक मंत्र का  चुनाव अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं. रात्रि समय में ही मंगल के मंत्र का जाप करें तो बेहतर होता है.  किसी भी मंत्र की एक माला का जाप करें. एक माला अर्थात 108 बार मंत्र जाप करना.

मंगल के लिए वैदिक मंत्र  – Vedic Mantra for Mars
“ऊँ अग्निमूर्धादिव: ककुत्पति: पृथिव्यअयम। अपा रेता सिजिन्नवति ।”

मंगल के लिए तांत्रोक्त मंत्र – Tantrokta Mantra for Mars

  • ऊँ हां हंस: खं ख:
  • ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नम:
  • ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:


मंगल का नाम मंत्र  – Naam Mantra for Mars

  • ऊँ अं अंगारकाय नम:
  • ऊँ भौं भौमाय नम:


मंगल का पौराणिक मंत्र  – Poranik Mantra for Mars
ऊँ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम । कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ।।

मंगल गायत्री मंत्र – Mangal Gayatri Mantra
ऊँ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात

26 comments

  1. नमस्कार !

    28 मई 2015 से आपकी जन्म कुण्डली में मंगल की एक नई महादशा आरंभ हुई है, इससे पहले अष्टमेश की दशा दस वर्षों से चली हुई थी. मंगल को बहुत अच्छा तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन बुरा भी नही कह सकते हैं. मंगल आपकी कुण्डली में त्रिकोण भाव के स्वामी हैं लेकिन साथ ही बारहवें भाव के भी फल देगें. मंगल वक्री अवस्था में स्थित हैं जिससे आपको हर कार्य में आवश्यकता से अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं. अगर आप नौकरी करते हैं तब नौकरी में ज्यादा प्रयास करने होगें. यदि आप बिजनेस करते हैं तब उससे संबंधित समस्याओं का हल निकालने में दोगुने प्रयास हो सकते हैं. आपका मन भी परेशान सा रह सकता है और जीवन में कुछ परिवर्तन भी इस दशा में देखने को मिल सकते हैं. जब भी कोई नई दशा आरंभ होती है तब उस दशा का स्वागत व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए अर्थात जब तक वह दशा है तब तक उस दशा स्वामी के मंत्रों का जाप प्रतिदिन करना चाहिए तभी आपको अनुकूल फल मिलेगें.

    आपकी कुण्डली में मंगल की महादशा आरंभ हुई है तब आपको शुक्ल पक्ष के मंगलवार से मंगल के मंत्र जाप 108 बार करने चाहिए. आप हमारे ब्लाग से कोई भी एक मंगल का मंत्र चुन सकते हैं. साथ ही आप प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ भी करें. मंगलवार के दिन हनुमान जी को भोग भी लगा सकते हैं. घर की सुख शांति के लिए आप बुधवार व बृहस्पतिवार के दिन विष्णू सहस्त्रनाम का पाठ करें.

  2. नमस्कार !

    आपकी जन्म कुण्डली में मंगल उच्च राशि में जरुर हैं लेकिन राहु के साथ होने से वह अंगारक योग बना रहे हैं. यदि राहु व मंगल की डिग्री भी पास-पास हैं तब मंगल अधिक पीड़ित हो जाते हैं. मंगल का केन्द्र में उच्च राशि में होना “रुचक योग” बनाता है लेकिन राहु के साथ होने से यह योग भंग हो जाता है. इसलिए आपको मंगल के मंत्र करने चाहिए नही तो आपके घर के सुख में या आपकी माताजी के सुख में या आपके बड़े बहन-भाईयो के सुख में कमी हो सकती है.

  3. Pranaam,
    Bahut dhanyaad aap ne uttar diya mere prashna ka!
    But somehow, its not visible!
    Jo mail mai aayi …I cannot read as its computer language, that is why I
    am sending reply with it as you can see it also on the site too ….sirf
    jawaab ajay ji ka he dikh raha hai!
    I don’t know the reason for it but….
    I can read on answer on rahu page! But not on mangal page!
    I understand what you say on giving attention to moon! That is the
    difference between a seeker and a guru like you, I only saw the lagna
    chart and was very happy! I do not know astrology hence didn’t know about
    other charts!!!
    But aap ki baat ek dum sahi hai ki my mind is wandering in all direction!
    Sir, is it possible for me to write to you on mail? Koi mail address de
    sakte hai?
    I shall be very greatful!
    I am very thankful to you for taking the time out to go through my charts
    and details and giving guidance accordingly! Bahut aabhaar!
    If you could please correct the anomaly of mangal page answer …..I could
    see it! Or else send me on mail …!!!
    Thank you very much for your time and effort!
    Heartfelt gratitude,
    Namaste,

    Vidya Arora

  4. My dob 24.8.87 time 13:28 shahjahanpur up
    Pls marriage k bare mai bataye. Bhai meri Marriage ko lekar kafi pareshan rahte hai.
    Kafi logon n govt job k bare mai bola tha ki kundali mai yog hai but kuch nahi hua. Kya abhi kuch ummeed ki ja sakti hai .
    Paribarik samasyay kab khatam hogi aur income k source kya honge.
    3 sal purana business ek dam band sa hogaya hai .

  5. नमस्कार !

    आपकी जन्म कुंडली में अभी सूर्य में बुध की दशा चली हुई है, कुंडली में शादी को लेकर योग बहुत अच्छे नहीं है और दूसरे यह कि कुंडली में लेट मैरीज के योग हैं और तीस साल की उम्र से पहले शादी करना आपके लिए सही भी नहीं है. इसलिए आपको परेशान होना ही नहीं चाहिए. सूर्य की दशा में की गई शादी आपको परेशानियों में डाल सकती है इसलिए अभी शांत ही रहिए. एक कुंडली में सरकारी नौकरी को लेकर जो योग देखे जाते हैं वह आपकी कुंडली में भी बने हुए हैं और सूर्य की दशा भी चली हुई है लेकिन वर्ग कुंडलियों में सूर्य की स्थिति अच्छी नहीं है जिससे आपको फल नहीं मिल पा रहे हैं खासकर दशमांश कुंडली में सूर्य नीच के हो गए हैं जो सरकारी नौकरी लगने में दिक्कत ही दे रहे हैं. अगर नौकरी लगी भी तो शायद कुछ रिश्वत देकर आप अपना काम बनवाने की सोचें लेकिन इससे बाद में परेशानी भी हो सकती है. आप रोज सूर्य को जल दें और सुबह के समय एक माला सूर्य मंत्र की करें जो आपको हमारे ब्लॉग से मिल जाएगा. हर रविवार को आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी करें, यह भी ब्लॉग से मिल जाएगा. बिजनेस ठप्प होने का कारण दशा का प्रतिकूल होना है और जनवरी के बाद आप काम को लेकर ज्यादा असंतुष्ट रह सकते हैं और हो सकता है कि पुराना काम छोड़ आप कोई नया काम आरंभ करेंभी दिसंबर 16 तक आपकी सूर्य की दशा रहेगी, उसके बाद चंद्रमा की दशा आपको ज्यादा लाभ प्रदान कराएगी.

  6. har kshetra me safalata nahi milati. bahut prayas karana padata hai fir bhi nirasha hi hath lagati hai. mera janm-31.07.1974 KO 11:37am NAGPUR MAHARASHTRA ME HUA HAI KRIPYA SAVISTAR MARGDARSHAN KARE

  7. mera janm-31.07.1974 KO 11:37am NAGPUR MAHARASHTRA ME HUA HAI KRIPYA SAVISTAR MARGDARSHAN KARE.
    har kshetra me safalata nahi milati. bahut prayas karana padata hai fir bhi nirasha hi hath lagati hai.

  8. नाम : राजेश / जन्म दिनांक : 17 जनवरी 1968 / जन्म समय : 5.20 प्रातः / जन्म स्थान : रतलाम (मध्य प्रदेश ) कृपया मार्गदर्शन करे व मेरे career के बारे में भी मार्गदर्शन कीजिये

  9. Namste ji mera naam raajeev verma h .main soron jila etaa ka rehne valaa hun mera janm kuaar ki navmi. Sukl paksh. Din mangalvar. Tarrik 2. Mahina ocober. San 1984. Ko hua h ab aap kripya karke jra ye btane ka kast krenge ki kya main mangli hun ya fir mujh p mangl ki chhaya h or mangl mere liye subh h ya ashubh agar h to kon se bhaav m h.pleez ji you tell my my answar. & pleez Ji you give me a good sujesiton

  10. Ek salaah or leni thi aapse Ji Ki main suplayar hun tayi belt ka ab take main kisi or k sath kaam kar rha tha ab apna bijness karna chahta hun kyunki yahi decmbr se sejaan on hone vala h ab aap hamein ye bataaen ki is ye naya bisness mujhe shoot krega ya nhi or gar karun bhi to kon sa din subh rahega

  11. २९/१/७७ मेरा जन्मदिन है सुबह ६:३५ का वक़्त है नासिक में जन्म हुवा है
    कुछ बताये
    धन्यवाद

  12. मेरा नाम अश्वनी है मेरी dob 11/09/1979 जन्म स्थान भिवानी हरियाणा है समय 3:50 pm है कृपा करके मेरे व्यवसाय के बारे में बताने की कृपा करे धन्यवाद

  13. आपकी जन्म कुण्डली में छ: ग्रह तो आठवें भाव में ही हैं. राहु की दशा चल रही है जो खुद आठवें भाव में है और राहु के साथ बैठे बाकी के पांच ग्रह राहु की चपेट में है. सूर्य भी यही स्थित है और शुक्र, शनि, बुध, राहु चारों सूर्य से अस्त हैं. 21 मार्च 2018 से गुरु की महादशा शुरु होगी तब धीरे-धीरे कामकाज में कुछ तरक्की हो सकती है. धीरे-धीरे इसलिए क्योंकि आपकी शनि की ढैय्या भी चली हुई है जो धीरे फल प्रदान करती है. गुरु की महादशा शुरु होते ही आपको गुरु के मंत्रों का जाप कराना चाहिए और हर तरह से गुरु की हर रोज पूजा करनी चाहिए.

  14. पिंगबैक: मंत्र  – amitsom
  15. Shilpa shamsundar kushe
    Birth date-10/06/1974.
    Place-Mumbai
    Vaivahik jeevan ke bare me aur aarthik(dhan)sthiti me barkat(badhava)
    hone ke bare me

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